Sunderkand Path Niyam – संपूर्ण सुंदरकांड का पाठ करने की विधि और नियम

सुंदरकांड का पाठ करने से भक्त के सभी दुख दर्द पीड़ा समाप्त हो जाते है, सुंदरकांड रामायण का अत्यंत सुंदर अध्याय कहा जाता है। जौसे के मैंने पहले ही बताया है रामायण के कुल ७ कांड मे से ५ वा कांड यानि सुंदरकांड, इसमे हनुमान जी की सम्पूर्ण जीवीन शैली बताई गई है।

सुंदरकांड का पाठ कोई भी कर सकता है स्त्री, पुरुष, बच्चा, बूढ़ा। सुंदरकांड एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सुंदर अध्याय और इसे पढ़ने से केवल लाभ ही प्राप्त होता है।

सुंदरकांड पाठ के कुछ नियम है: Sunderkand Path Niyam:

भले ही सुंदरकांड सब के लिए बना है परंतु यह एक पवित्र अध्याय पुस्तक भी है। तथा इसे पढ़ने से पूर्व कुछ नियम का पालन करना आवश्यक है।

  • बिना स्नान के सुंदरकांड का पाठ ना करे।
  • सुंदरकांड पाठ के लिए समय निकाल कर बैठे। पाठ अधूरा छोड़ कोई और काम ना करे।
  • सुंदरकांड पाठ से पहले पूजा स्थल साफ करे और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर उन्हे धूप, दिया, सिंदूर, फूल, आदि का चढ़ावा दे।
  • सुंदरकांड पाठ शुरू करने से पुर हनुमान जी को नमन करे और विनती करे यदि मुझसे कुछ चूक हो जाए तो प्रभु क्षमा करे।
  • सम्पूर्ण सुंदरकांड पाठ होने तक एक तांबे का लोटा पानी भर कर साथ रखे तथा पाठ समाप्त होने पर सभी प्रियजनों को प्रसाद के बाद पिलाए।

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सुंदरकांड पाठ कैसे करे? – विधि और नियम:

सुंदरकांड पाठ करने से पहले कुछ तयारी करे जो नीचे दिए नियमों का पालन कर आप आसानी से अपनी पूजा का फल प्राप्त कर सकते है। कुछ विधि और नियम का पालन करने से सुंदरकांड का सम्पूर्ण लाभ होता है।

  • एक बार सुंदरकांड का पाठ करना चाहते है तो मंगलवार या शनिवार का चयन करे।
  • सुंदरकांड का पाठ करने का सही समय ब्रह्म मुहूरत होता है यानि सूर्योदय से पहले (4 AM to 5:45 AM). यदि ऐसे होना मुमकिन ना हो तो आप श्याम के समय जब सूरज अस्त होने वाला होता है जीसे प्रदोष काल कहते है तब ही कर सकते है (45 minutes before and after Sunset)
  • लगातार सुंदरकांड का पाठ करना चाहते है तो आप लगातार २१ या ४१ दिन तक कर सकते है शुरुवात मंगलवार के दिन करे।
  • सुंदरकांड पाठ एक घंटे तक चल सकता है तो दरमियान अधूरा पाठ छोड़ कर ना उठे।

यह कुछ नियम थे जो ध्यान देना जरूरी थे। अब मे आप को नीचे कुछ विधि बताती हु।

  • पाठ से पहले स्नान कर ले (यह चीज बतानी जरूरी नहीं है फिर भी आवश्यक है।)
  • प्रथम पूजा स्थल साफ कर ले और हनुमान जी की प्रतिमा (राम जी के साथ हो तो उत्तम) पूजा स्थल पर स्थापित करे।
  • हनुमान जी के प्रतिमा के सामने फल, फूल, प्रशाद, जल (तांबे के घड़े मे), दिया, धूप आदि सामग्री रख दे।
  • फिर दिया जला कर एक संकल्प कर ले की आप सुंदरकांड का पाठ क्यू कर रहे है। और साथ ही हनुमान जी से क्षमा मांग ले यदि पाठ के दौरान कोई गलती हो तो माफ कर दे।
  • पाठ शुरू से अंत तक आप को पाठ अधूरा छोड़ कर उठना नहीं है। और अन्तः मे हनुमान जी और श्री राम जी की आरती के साथ पाठ को समाप्त करना है।
  • फिर घर के लोगों को प्रशाद बाट कर तांबे के घड़े मे रखा पानी ग्रहण करे।

सुंदरकांड पाठ के चमत्कार:

सुंदरकांड पाठ करने से क्या बदलाव या क्या चीजे आप के लाइफ मे बदल सकती है इन चीजों पर चर्चा करेंगे।

हनुमान जी कलियुग के देवता माने जाते है क्यू की उन्हे चिरंजीवी का वरदान खास कलियुग मे उनके भक्तों को संकटों से बचाने के लिए ही मिल है। तथा जो भी राम नाम का भक्त है या हनुमान जी की भक्ति करता है बजरंग बली उनके कस्ट हर लेते है।

21 दिन सुंदरकांड पाठ करने के फायदे:

अगर आप 1 दिन का सुंदरकांड पाठ करना चाहते है तो मंगलवार या शनिवार के दिन करना शुभ होता है। और 21 दिन सुंदरकांड पाठ करने का सोच है तो मंगलवार के दिन ही शुरू कर दे।

21 दिन लगातार सुंदरकांड पाठ करने से आप को यह फायदे नजर आने लग जायेगे।

  • आप के अंदर से बेवजह का डर निकल जाएगा।
  • टोना टोटका अगर किसी ने किया है तो वो भ्रम भी आप के घर से चला जाएगा।
  • आप देख पाएंगे के जिस संकल्प को लेके आप ने सुंदरकांड का पाठ करने की ठानी थी वह काम भी बनने लगेगा।
  • जिसके लिए आप ने सुंदरकांड का पाठ किया था उनकी लाइफ मे शांति और समृद्धि आने लगेगी।
  • सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने से आप के अंदर का क्रोध, मोह कम होकर आप के अंदर करुणा और भक्ति बढ़ने लगेगी।

FAQ – सुंदरकांड पाठ के नियमों के बारेमे प्रश्न:

Q 1. क्या महिलाये सुंदरकांड का पाठ कर सकती है?

उत्तर: सुंदरकांड का पाठ महिला पुरुष, बूढ़े बच्चे, हर कोई कर सकता है। बस महिलाये दिए नियमों का पालन करे और साथ मई यह ध्यान रखे के हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है और महिला हनुमान जी की पूजा बेटा या भाई नाते से कर सकती है।

Q 2. सुंदरकांड का पाठ करने का सही समय कितने बजे का है?

उत्तर: सुंदरकांड का पाठ करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूरत का होता है। यानि सुबह 4 बजे से 5:45 बजे तक। सूर्योदय होने से पूर्व स्नान कर दिए गए नियमों का पालन कर सुंदरकांड का पाठ कर ले।

Q 3. सुंदरकांड का पाठ कितने दिन करना अच्छा होता है?

उत्तर: सुंदरकांड का पाठ आप 11 दिन, 21 दिन, या 41 दिन के संकल्प के साथ कर सकते है। आप के नियोजन और भक्ति के अनुसार किसी पंडित के सलाह ले कर आप 11/21/41 दिन का सुंदरकांड पाठ कर सकते है।

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